अलाउददीन खिलजी(1296-1316), खिलजी वंश के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक था और दिल्ली का सुल्तान बना। उसने अपने ससुर की हत्या कर दी और दिल्ली में अपनी शक्ति मजबूत कर ली। अपने शासनकाल के दौरान, अलाउद्दीन ने जरान-मंजूर, सिविस्तान, किली, दिल्ली और अमरोहा में मंगोल आक्रमणों के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा की।
बाद में, उन्होंने गुजरात, रणथंभौर, चित्तौड़, मालवा, सिवाना और जालौर जैसे हिंदू राज्यों पर भी छापा मारा और उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। अपने जीवन के अंतिम वर्षों के दौरान, अलाउद्दीन एक बीमारी से पीड़ित हो गया और प्रशासन का प्रभार मलिक काफूर को सौंप दिया।
यह यूपीएससी और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है ।
अलाउद्दीन खिलजी का शासनकाल
अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सल्तनत बन गया और भारत में विभिन्न राज्यों पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया।
उसके कब्जे वाले राज्यों की सूची नीचे दी गई है:
गुजरात (1299) :
- हालाँकि, रास्ते में ही उसकी बेटी देवल देवी पकड़ ली गई और अलाउद्दीन ने उसकी शादी अपने बेटे खिज्र खान से कर दी।
- शासक बनने के बाद यह उनका पहला सैन्य आक्रमण था
- राजगद्दी पर बैठने से पहले ही उसे गुजरात की कमज़ोर आर्थिक स्थिति का अंदाज़ा था इसलिए उसे गुजरात पर आक्रमण करना बहुत सुविधाजनक लगा
- यहीं पर मलिक काफ़ूर, जो एक गुलाम था, अलाउद्दीन से मिला और उसने अलाउद्दीन के राज्य के विस्तार में बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
- इस हमले के डर से कर्ण ने खुद को और अपने परिवार को महाराष्ट्र के देवगिरी में बचा लिया
- इस समय गुजरात का राजा ‘कर्ण’ था
रणथंभौर (1301) :
- हम्मीर देव ने ‘नए मुसलमानों’ को शरण दी। अलाउद्दीन को यह पसंद नहीं आया और उसने रणथंभौर पर आक्रमण कर दिया।
- तब शासक हमीर देव थे
- इस युद्ध में हम्मीर देव चौहान अलाउद्दीन से हार गये
- इस युद्ध में उसका एक प्रमुख सरदार ‘नुसरत खाँ’ मारा गया
- इस पर चौहान वंश का शासन था
चित्तौड़ (1303) :
- चित्तौड़ पर आक्रमण का कारण यह था कि यह गुजरात के व्यापार मार्ग के रास्ते में था
- प्रसिद्ध सूफी कवि और विद्वान अमीर खुसरो भी इस युद्ध में अलाउद्दीन के साथ थे
- इस जीत के बाद किले का नाम खिजराबाद रख दिया गया
- इसका नाम अलाउद्दीन के बेटे खिज्र खान के नाम पर रखा गया था
उपरोक्त के अलावा, उनकी प्रमुख विजयों में मालवा, जालौर और मारवाड़ भी शामिल थे। इसके बाद उन्होंने दक्षिण भारत की ओर विस्तार शुरू किया।
दक्षिण भारत
देवगिरि (1306-07) :
- इस समय राजा रामदेव के अधीन यादव वंश का शासन था
- जब रामदेव ने अलाउद्दीन को वार्षिक कर देने से इनकार कर दिया तो देवगिरि राज्य पर हमला किया गया
- रामदेव को दिल्ली लाया गया, जहां बाद में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया
वारंगल/तेलंगाना (1308) :
- यहां के शासक प्रताप रुद्र देव के अधीन काकतीय वंश का शासन था
- उसका राज्य अत्यधिक समृद्ध था, जो अंततः अलाउद्दीन के आक्रमण का कारण बना
- उसने अलाउद्दीन का शासन स्वीकार कर लिया और उसे कोहिनूर हीरा उपहार में दिया
द्वार समुद्र (1310) :
- भौगोलिक दृष्टि से यह कर्नाटक राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित था
- इस पर बल्लाल तृतीय के अधीन होयसल राजवंश का शासन था
मदुरा (1311) :
- पांड्य राजवंश ने वीर और सुंदर पांड्य के अधीन इस पर शासन किया
- वीर पंड्या और सुंदर पंड्या में मनमुटाव हो गया
- इसी क्रम में सुन्दर पण्ड्या ने अलाउद्दीन से सहायता मांगी
- सुन्दर पण्ड्या तथा अलाउद्दीन ने मिलकर वीर पण्ड्या को पराजित किया
- बदले में सुंदर पांड्य ने अलाउद्दीन का शासन स्वीकार कर लिया
समस्त दक्षिण भारतीय विजयों का सेनापति मलिक काफूर था।
QUICK REVISION FACTS
- हजार खम्भा महल (दिल्ली) अलाउद्दीन ने बनाया।
- स्थायी सेना दाग एवं महाली तथा सैनिकों को नगद वेतन देने की प्रथा की शुरूआत सर्वप्रथम अलाउद्दीन ने की।
- सिक्कों पर तारीख लिखने की प्रथा अलाउद्दीन खिलजी ने शुरू की।
- सर्वप्रथम डाक व्यवस्था की शुरूआत सल्तनत काल में अलाउद्दीन खिलजी ने की।
- यह व्यापारियों व बाजार पर नियंत्रण रखता था ।
- मेवाड़ को जीतने के बाद अलाउद्दीन ने इसका नाम अपने पुत्र खिजखां के नाम पर खिजाबाद रखा।
- मलिक काफूर को हजारदिनारी के नाम से भी जाना जाता था।
- मलिक काफूर अलाउद्दीन के मरणोपरांत उसके नवजात पुत्र शिहाबुद्दीन को गद्दी पर बिठाकर उसका संरक्षक बन गया।
- बाजार नियंत्रण की पद्धति सर्वप्रथम अलाउद्दीन खिलजी ने शुरू की। बाजार के अधीक्षक को शाहना-ए-मंडी कहते थे।
- बरीद बाजार के अंदर घुसकर बाजार का निरीक्षण करता था।
- पुलिस विभाग का प्रमुख कोतवाल होता था।
- दैवीय अधिकार के सिद्धांत को अलाउद्दीन खिलजी ने चलाया था।
- दक्षिण भारत का प्रथम तुर्की आक्रमण अलाउद्दीन खिलजी ने कराया था।
- जमैयत खाना मस्जिद का निर्माण अलाउद्दीन ने कराया।
- चराई कर – पशुओं पर
- गुजरात के बघेल राजा कर्णदेव (राजधानी अन्हिलवाड़ा) को पराजित कर अलाउद्दीन ने उसकी पत्नी कमला देवी से शादी की।
- गुजरात अभियान में नुसरत खां ने हिंदू हिजड़े मलिक काफूर को एक हजार दिनार में खरीदा था।
- गुजरात अभियान का नेतृत्व उलगू खां व नुसरत खां ने किया था।
- गढी / घरी कर – घरों व झोपड़ी पर।
- खिलजी पैदावार का 50 प्रतिशत अर्थात 1/2 खराज वसूलता था।
- किरान-उस-सादेन की रचना अमीर खुशरो ने की।
- आर्थिक मामलों से संबंधित विभाग दिवान ए रियासत की स्थापना अलाउद्दीन खिलजी ने की।
- अलाउद्दीन प्रथम सुल्तान था जिसने भूमि की माप कराई व भूमि की ईकाई बिस्वा का चलन किया।
- अलाउद्दीन ने सीरी में अपनी राजधानी बनाई।
- अलाउद्दीन ने सिकंदर ए सानी (दूसरा सिकंदर) की उपाधि ग्रहण की।
- अलाउद्दीन ने मलिक याकूब को दिवान ए रियासत नियुक्त किया था।
- अलाउद्दीन ने मलिक काफूर को मलिक ए नायब बनाया था।
- अलाउद्दीन ने दो नवीन कर वसूले
- अलाउद्दीन ने खम्स (लूट का धन) में सुल्तान का हिस्सा 1/4 के स्थान पर 3/4 कर दिया।
- अलाउद्दीन ने अमीर खुशरो व अमीर हसन को संरक्षण प्रदान किया।
- अलाउद्दीन खिलजी ने मद्य निषेध, जुआ खेलने व भांग खाने पर प्रतिबंध लगा दिया।
- अलाउद्दीन खिलजी ने इक्ता प्रणाली को समाप्त कर दिया ।
- अलाउद्दीन खिलजी ने अपना राज्याभिषेक दिल्ली में स्थित बलबन के लालमहल में कराया।
- अलाउद्दीन खिलजी के बचपन का नाम अली गुर्शस्प था।
- अलाउद्दीन खिलजी के काल में 6 बार मंगोल आक्रमण हुआ लेकिन अलाउद्दीन ने सफलता पूर्वक उनका सामना किया था।
- अलाउद्दीन के समय मेवाड़ का राजा राणा रत्न सिंह था। उसकी पत्नी पद्मिनी के कारण उसने मेवाड़ पर आक्रमण किया था ।
- अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद काफूर 35 दिन तक शासक बना रहा।
- अलाउद्दीन का पहला अभियान गुजरात पर 1298 ई में बघेल राजा राय कर्णदेव पर था।
- अलाई दरवाजा अलाउद्दीन ने बनाया।
- अमीरों पर प्रतिबंध हेतु अलाउद्दीन ने चार आदेश जारी ककिय
- अमीर खुशरो ने इसे विश्व का सुल्तान, पृथ्वी के शासकों का सुल्तान, जनता का चरवाहा व युग का विजेता कहा।
खिलजी शासकों द्वारा संचालित सिक्के
- यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।
- यह एक चौकोर गुंबददार भवन हैं
- जिसमें मेहराबदार प्रवेश द्वार हैं और इसमें एक कक्ष है।
- खिलजी शासकों के द्वारा संचालित सिक्के में तांबे के सिक्के प्रमुख थे।
- क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का दक्षिणी प्रवेश द्वार है। 1311 में सुल्तान अलाउद्दीन खलजी द्वारा निर्मित हैं।
- इन सिक्के को सुल्तान द्वारा संचालित किया जाता था।
- अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्मित अलाई दरवाजा बनाया गया था।
अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु
उनकी मृत्यु के बारे में अटकलें हैं, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी की हत्या उनके प्रमुख हिजड़े गुलाम मलिक काफूर ने वर्ष 1316 में कर दी थी।
अलाउद्दीन खिलजी ने ऐसा क्या किया कि उसे उसके सौंपे गए गुलाम ने मार डाला?
- अलाउद्दीन खिलजी के चाचा और ससुर जलालुद्दीन खिलजी उत्तर-पश्चिम में मार्च के वार्डन थे, बाद में उन्होंने 1290 में दिल्ली में बलबन के उत्तराधिकारियों को उखाड़ फेंका।
- खलजी मिश्रिततुर्की-अफगानमूल के थे और गैर-तुर्की वर्गों द्वारा भी उनका स्वागत किया गया था।
- जलालुद्दीन खिलजी ने केवल छह वर्षों तक शासन किया क्योंकि उसे आंतरिक और बाह्य रूप से कई शत्रुओं का सामना करना पड़ा।
- अवध के गवर्नर के रूप में, अलाउद्दीन खिलजी ने दक्कन में देवगीरपर आक्रमण करके एक विशाल खजाना जमा किया थाऔर दिल्ली जाने के बजाय करा चला गया था।
- यह सुनकर जलालुद्दीन खिलजी ने खजाना पाने के लिएकारा का दौरा किया, उसने अपनी सेना को पीछे छोड़ दिया और कुछ अमीरों के साथ गंगा पार कर गया।
- यह तब हुआ जब अलाउद्दीन खिलजी ने एक महान अवसर लिया और अपने ससुर जलालुद्दीन खिलजी को मार डाला और विश्वासघाती रूप से सिंहासन पर चढ़ गया और खुद को ताज पहनाया क्योंकि सुल्तान ने रईसों का समर्थन हासिल कर लिया।