हैलो दोस्तों ! आज के इस पोस्ट में पिछ्ले Exams में पूंछे गये सामान्य हिंदी से संबंधित अनेक शब्दों के एक शब्द को अपलोड करने का कारण यह है कि यह छात्रों को परीक्षा के आधारित तैयारी में सहायता प्रदान करता है। इन प्रश्नों का अध्ययन करने से छात्रों को पिछले परीक्षाओं के पैटर्न और ट्रेंड्स का पता चलता है, जिससे उनकी तैयारी में सुधार होता है।
ये प्रश्न छात्रों की भाषा कौशल, शब्दावली और व्याकरण में सुधार करने में मदद करते हैं, जो कि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में सहायक होता है। इसके अलावा, छात्रों को अनेक शब्दों के एक शब्द का अर्थ समझने में मदद मिलती है, जिससे वे परीक्षा के समय में समय की बचत कर सकते हैं और उच्चतम प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए, पिछले परीक्षाओं में पूछे गए सामान्य हिंदी से संबंधित अनेक शब्दों के एक शब्द को अपलोड करना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
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पिछ्ले Exams में पूंछे गये सामान्य हिंदी से संबंधित अनेक शब्दों के एक शब्द
- सोच-समझकर कार्य न करने वाला – अविवेकी (UPPCS, RAS)
- व्यर्थ/अनुचित खर्च करने वाला – अपव्ययी (RAS, UPPCS)
- विकृत शब्द/बिगड़ा हुआ शब्द – अपभ्रंश (UPPCS)
- वह कवि जो तत्काल/तत्क्षण कविता कर डालता हो – आशुकवि (UKPCS, UPPCS)
- रूप के अनुसार – अनुरूप (UPPCS)
- मूल्य घटाने की क्रिया – अवमूल्यन (IAS, B.Ed.)
- भगवान के सहारे अनिश्चित आय – आकाशवृत्ति (UKPCS)
- बिना वेतन काम करने वाला – अवैतनिक (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
- पुरुष जो अभिनय करता हो – अभिनेता (MPPSC)
- धरती (पृथ्वी) और आकाश के बीच का स्थान – अंतरिक्ष (UPPCS)
- दोपहर के बाद का समय – अपराह्न (IAS, Upper Sub., UPPCS)
- थोड़ा जानने वाला – अल्पज्ञ (RAS, MPPCS)
- जो हिसाब किताब की जाँच करता हो – अंकेक्षक (MPPCS)
- जो स्वयं का मत मानने वाला हो – आत्मभिमत (UPPCS)
- जो समय पर न हो – असामयिक (UPPCS)
- जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी (MPPCS, RAS, UPPCS, IAS)
- जो सबके अन्तःकारण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी (MPPCS)
- जो सदा से चला आ रहा है – अनवरत (IAS)
- जो शोक करने योग्य न हो – अशोक (UPPCS)
- जो व्यय न किया जा सके – अव्यय (Low Sub.)
- जो विश्वास करने योग्य (लायक) न हो – अविश्वासनीय (Low Sub.)
- जो वस्तु किसी दूसरे के पास रखी हो – अमानत (UPPCS)
- जो भेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य (Low Sub.)
- जो बीत चुका हो – अतीत (IAS)
- जो बदला न जा सके – अपरिवर्तनीय (Low Sub.)
- जो पहले कभी नहीं सुना गया – अनुश्रुत (Low Sub.)
- जो पहले कभी न हुआ हो – अभूतपूर्व (IAS, RAS)
- जो पहले कभी घटित न हुआ हो – अघटित (IAS)
- जो पराजित न किया जा सके – अपराजेय (UKPCS)
- जो परम्परा से सुना हुआ हो – आनुश्राविक (UKPCS)
- जो न जाना जा सके – अज्ञेय (Upper Sub., UPPCS)
- जो दिखायी न पड़े – अदृश्य, अप्रत्यक्ष (UPPCS, IAS)
- जो चिन्ता के योग्य न हो – अचिन्त्य, अचिन्तनीय (RAS)
- जो खाने योग्य ने हो – अखाद्य (UPPCS)
- जो क्षीण न हो सके – अक्षय (RO)
- जो कुछ न जानता हो – अज्ञ, अज्ञानी (UPPCS, B.Ed.)
- जो किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण-दोष की आलोचना करता हो – आलोचक (Upper Sub.)
- जो कानून के प्रतिकूल हो/जो विधि के विरुद्ध हो – अवैध, अविधिक (UPPCS, IAS)
- जो कभी नहीं मरता – अमर्त्य, अमर (APO, RAS, IAS)
- जो ईश्वर को मानता हो – आस्तिक (MP, UPPCS, BPSC, UKPCS)
- जो इन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर, अतीन्द्रीय (IAS)
- जो इन्द्रियों को वश में कर ले – इन्द्रिय-निग्रहवान (Upper Sub.)
- जो इधर-उधर से घूमता-फिरता आ जाए – आगन्तुक (UPPCS, IAS)
- जो आदर करने योग्य हो – आदरणीय (IAS)
- जो आगे (दूर) की सोंचता हो – अग्रसोची, दूरदर्शी (UPPCS)
- जो आगे (दूर) की न सोचता हो – अदूरदर्शी (Upper Sub.)
- जो अवश्य होने वाला हो – अवश्यम्भावी (APO, UPPCS)
- जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो – अद्यःप्रसूत (UPPCS)
- जो अभी तक न आया हो – अनागत (IAS, B.Ed.)
- जो अपने पैरों पर खड़ा हो – आत्म-निर्भर (UPPCS)
- जो अनुकरण करने योग्य हो – अनुकरणीय (APO)
- जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सके – अकथनीय (UPPCS)
- जिसे भुलाया न जा सके – अविस्मृति (IAS)
- जिसे बुलाया न गया हो/जो बिना बुलाये आया हो – अनाहूत (IAS, UPPCS)
- जिसे जीता न जा सके – अजेय (UPPCS, Upper Sub., RO)
- जिसको क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य (Low Sub.)
- जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय (RAS, IAS, UPPCS)
- जिसके आने की कोई तिथि न हो – अतिथि (IAS, UPPCS)
- जिसकी पहले से कोई आशा न हो – अप्रत्याशित (UPPCS, APO)
- जिसकी परिभाषा देना संभव न हो – अपरिभाषित (IAS, B.Ed.)
- जिसकी गहराई या थाह का पता न लग सके – अथाह, अगाध (RAS, UPPCS)
- जिसकी कोई सीमा न हो – असीम (IAS, UPPCS)
- जिसकी उपमा न हो – अनुपम, अनुपमा (UPPCS, IAS)
- जिसका विवाह न हुआ हो – अविवाहित (IAS)
- जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके – अनिर्वचनीय, अवर्णनीय (IAS, UPPCS)
- जिसका माँ-बाप न हो – अनाथ (IAS, UPPCS)
- जिसका परिहार (त्याग) न हो सके/जिसको छोड़ा न जा सके – अपरिहार्य (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
- जिसका निवारण न हो सकता हो – असाध्य (UPPCS, B.Ed.)
- जिसका जन्म पहले हुआ हो (बड़ा भाई) – अग्रज (RAS)
- जिसका जन्म छोटी जाति (निचले वर्ण) में हुआ हो – अंत्यज (RO)
- जिसका जन्म अण्डे से हो – अण्डज (APO, B.Ed.)
- जिसका कोई अर्थ न हो – अर्थहीन (UPPCS)
- जिसका किसी भी प्रकार उल्लंघन नहीं किया जा सके – अनुलंघनीय (Low Sub.)
- जिसका कभी अन्त न हो – अनन्त (UPPCS, B.Ed.)
- जिसका उत्तर न दिया गया हो – अनुत्तरित (Low Sub., UPPCS)
- जिसका इलाज न हो सके – असाध्य (RO)
- जिस पर मुकद्दमा चल रहा हो/ जिस पर अभियोग लगाया गया हो – अभियुक्त, अभियोगी (UPPCS, IAS)
- जिस पर आक्रमण न किया गया हो – अनाक्रांत (UPPCS)
- जिस पर अनुग्रह किया गया हो – अनुगृहीत (UPPCS, B.Ed.)
- गुरु के समीप या साथ रहने वाला विद्यार्थी – अन्तेवासी (UPPCS, B.Ed.)
- किसी के पीछे-पीछे चलने वाला/जो पीछे चलता हो – अनुचर, अनुगामी, अनुयायी ( B.Ed.)
- किसी कार्य के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता – अनुदान (UKPCS)
- कम बोलने वाला – अल्पभाषी, मितभाषी (APO,UP RAS,)
- आशा से अधिक/जिसकी आशा न की गई हो – आशातीत (Upper Sub., Low Sub.)
- आलोचना करने वाला – आलोचक (Upper Sub.)
- आभार मानने वाला – आभारी (RAS, UPPCS)
- आदि से अन्त तक – आद्योपान्त, आद्यन्त (UPPCS, IAS)
- अधिकार या कब्जे में आया हुआ – अधिकृत (UKPCS)
- अधिक बढ़ा-चढ़ा कर कहना – अतिशयोक्ति, अतियुक्ति (Ed.)
- अतिथि की सेवा करने वाला – आतिथेयी (UKPCS)