अलविदा कुश्ती, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी…..

अलविदा कुश्तीआप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी…..

50 किलोग्राम वर्ग में विनेश फोगाट का वजन सिर्फ 100 ग्राम एक्स्ट्रा होने की वजह से उन्हें कुश्ती को अलविदा कहना पड़ा.

100 ग्राम का पलड़ा पड़ा भारी, विनेश फोगाट ने लिया कुश्ती से संन्यास

ओलंपिक फाइनल में 100 ग्राम अधिक होने की वजह से पेरिस में खुद को अयोग्य ठहराए जाने पर, महान कुश्ती खिलाड़ी ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी. जानते हैं ओलंपिक के फाइनल में पहुंचकर भी भारतीय महिला रेसलर ने क्यों लिया संन्यास.

विनेश फोगाट का परिचय

जन्म -25 अगस्त 1994 (चरखी दादरी), हरियाणा

माता का नाम – प्रेमलता

पिता का नाम – राजपाल फोगाट

एजुकेशन – ग्रेजुएशन (महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी), रोहतक

गेम – रेसलिंग 50 kg वर्ग

ट्रेनिंग – प्रताप स्कूल, खरखोदा हरियाणा

पर्सनल कोच – महावीर सिंह फोगाट

अवार्ड – अर्जुन अवार्ड 2016, खेल रत्न अवॉर्ड 2020

विनेश फोगाट की अचीवमेंट

आईए जानते हैं विनेश फोगाट की उपलब्धियांजो कि आपके आने वाले किसी भी परीक्षा की दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है.

विनेश फोगाट की अचीवमेंट

2013 – एशियाई चैंपियनशिप -ब्रोंज मेडल

2015 – एशियाई चैंपियनशिप – सिल्वर

2016 – एशियाई चैंपियनशिप – ब्रोंज

2017 -एशियाई चैंपियनशिप- सिल्वर

2018 -एशियाई चैंपियनशिप – सिल्वर

2018 – कॉमनवेल्थ गेम्स – गोल्ड

2018 – एशियन गेम्स – गोल्ड

2019 – वर्ल्ड चैंपियनशिप – ब्रॉन्ज मेडल

2019 – एशियाई चैंपियनशिप-  ब्रोंज

2020 – एशियाई चैंपियनशिप-  ब्रोंज

2021 – एशियाई चैंपियनशिप – गोल्ड

2022 – वर्ल्ड चैंपियनशिप – ब्रोंज

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 50 किलोग्राम वर्ग में विनेश फोगाट का वजन सिर्फ 100 ग्राम एक्स्ट्रा होने की वजह से उन्हें कुश्ती को अलविदा कहना पड़ा. तो हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि, क्या है ओलंपिक कुश्ती में वजन मापने का मापदंड.

इस लेख में मैं आपको यह सारे महत्वपूर्ण तथ्य बताना चाहूंगी कि, ओलंपिक कुश्ती में वजन मापने का मापदंड क्या है.

क्या है वजन नापने की प्रक्रिया ओलंपिक कुश्ती में

वजन के दौरान पहलवान सिर्फ कुश्ती का कॉस्ट्यूम ही पहन सकता है.

नाखून कटे होने चाहिए क्योंकि यह भी जांचा जाता है.

पहलवान का दोनों दिन ही सुबह वजन होता है.

पहले दिन वजन के लिए 30 मिनट का समय दिया जाता है.

वहीं दूसरे दिन 15 मिनट का समय निर्धारित किया जाता है.

इसके बाद खिलाड़ियों का मेडिकल चेकअप भी होता है.

ऊपर दिए गए सारे के सारे मापदंडों को देखते हुए ही खिलाड़ियों का वजन आंका जाता है.

आईए जानते हैं क्या है मामलाक्यों हारी कुश्ती क्वीन

दरअसल 6 अगस्त 2024 को पेरिस ओलंपिक की महिला रेसलिंग के 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अपनी जगह बनाने वाली विनेश फोगाट उसे वक्त सुर्खियों में छा गई जब उनका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा निकला.

आईए जानते हैं विस्तार से, रेसलिंग के नियम के मुताबिक मैच के दिन सुबह रेसलर का वजन करना होता है. जिसके बाद खिलाड़ी अपने-अपने category  में खेल पाते हैं. लेकिन 6 अगस्त के दिन सुबह जब रेसलर का वजन माप गया तो उनका वजन100 ग्राम अधिक निकला.  इसके बाद उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया इसी के साथ डेढ़ करोड़ भारतीयों की उम्मीद टूट गई.

हरियाणा की बेटी ने क्यों लिया कुश्ती से संन्यास

फाइनल से बाहर होने पर हरियाणा की बेटी ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी. भारतीयों की खुशी तब हार्ट ब्रेक में बदल गई, जब 100 ग्राम अधिक होने की वजह से विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह 5:17 पर एक पर एक पोस्ट के माध्यम से संन्यास की घोषणा कर दी.

उन्होंने अपनी मां से माफी मांगी और कहा “मां कुश्ती मुझे जीत गई- मैं हार गई “  माफ करना आपका सपना पूरा न कर सकी ,मेरी हिम्मत टूट चुकी अब और ताकत नहीं मुझ में.

सेक्सुअल हैरेसमेंट से संन्यास तक

आपको बता दें कि साल भर पहले सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर सोकर भी विनेश फोगाट ने हार नहीं मानी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. इतनी बड़ी मस्कट के बावजूद रेसलर को खुद पर भरोसा था कि सिल्वर या गोल्ड मेडल वह जरूर जीतेंगे.

फाइनल ओलंपिक में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला की किस्मत ने मंगलवार को उनके साथ छोड़ दिया. दुनिया की बेस्ट पहलवान यूंही सुसाकी को फ्री स्टाइल में फोगाट पहले ही मान दे चुकी थी, लेकिन खुद से ही हार गई.

क्या कहा अमेरिका ब्रिटिश कतर मीडिया ने

CNN -अमेरिका न्यूज एजेंसी

सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकार रेसलर अपने अथक प्रयासों के बाद भी कुश्ती से बाहर हो गई, जहां उनके खुद के किस्मत ने उनके साथ छोड़ दिया.

 

RITER’s- ब्रिटिश न्यूज़ एजेंसी

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का फाइनल मैच अमेरिकी पहलवान सरहिल डेबेंट के साथ थालेकिन अब वह किसी भी रंग का मेडल नहीं जीत पाएंगे

 

अलजजीरा -कतर मीडिया

रेसलर विनेश फोगाट सिर्फ अपने लिए या देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने के लिए नहीं खेल रही थी बल्कि, उनके कठिन संघर्ष हरियाणा की लड़कियों के सपने को साकार करने के लिए भी था.

 

आगे के पोस्ट में जानते हैं कि, कहां होनी है सुनवाई. कौन करता है ओलंपिक खेलों के विवाद की सुनवाई.

आईए जानते हैं क्या है CAS

ओलंपिक से जुड़े किसी भी वाद विवाद के समाधान की सुनवाई CAS विभाग करता है.

CAS- कोर्ट का आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्सदुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक संस्था है जिसका गठन 1984 में खेलों से जुड़े विवादों को खत्म करने के लिए किया गया था. जहां विनेश फोगाट के मामले की सुनवाई होनी है. CAS मैं पहले गुरुवार को सुनवाई होनी थी लेकिन भारतीय स्क्वाड में सुनवाई के लिए भारतीय वकील की नियुक्ति के लिए कुछ समय मांगा था. मामले को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार तक के लिए कोर्ट के फैसले को स्थगित कर दिया गया.

 

तथ्यों की माने तो विनेश फोगाट संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल की मांग कर रही है, अब आगे यह देखना है की CAS कोर्ट आफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स का फैसला उनके हक में आता है या नहीं.

 

CAS कोर्ट बोली – 1 घंटे मेंफैसला संभव नहींवर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुना भी जरूरी

महिला पहलवान विनेश फोगाट को कुश्ती से बाहर कर दिए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सुनवाई को ओलंपिक खत्म होने तक टाल दिया है.

 

CAS ने कहा हम विनेश फोगाट की केस में प्रतिक्रियाएं ले रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा किए गए अपील पर इतनी जल्दी फैसला देना संभव नहीं. इस मामले में हमें पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुनना जरूरी है.

वही उम्मीद जताया जा रहा है कि ओलंपिक खत्म होने से पहलेकोर्ट अपना फैसला सुना देगी.

 

अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाम 5:30 पर सुनवाई होगी सीनियर वकील हरीशसाल्वे आज CAS में विनेश फोगाट का पक्ष रखेंगे.

बुधवार को विनेश फोगाट ने  CAS के सामने अपील की और मांग की कि, उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए.

आईए जानते हैं, हरीश साल्वे से जुड़ी खास बातें

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल साल्वे ने एडवोकेसी में अपने करियर की शुरुआत की 1975 में अभिनेता दिलीप कुमार के केस के साथ शुरुआत करने वाले महाराष्ट्र में जन्मे हरीश साल्वे मुख्य रूप से नागपुर के रहने वाले हैं. जिन्हें  1992 में सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील का पद मिला, इसके बाद 1999 में उन्हें सॉलिसिटर जनरल घोषित किया गया.

इतना ही नहीं हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में एंटी डंपिंग मामले पर भी सुनवाई की थी. इसके बाद हिट एंड रन और ड्रंक एंड ड्राइव मामले के सभी आरोपों से सलमान खान को बड़ी कर दिया गया. वही कुलभूषण यादव के केस में उन्होंने सिर्फ एक रुपए की फीस ली थी.

 

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