Human Heart facts ||हृदय से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

Human Heart facts ||हृदय से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

हृदय का कार्य

  •  हृदय का कार्य होता है रक्त को प्रेषित करना और शरीर में उसका संचयन करना। यह शरीर के सभी अंगों तक रक्त पहुंचाने और उसमें ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने का कार्य करता है। इसके अलावा, हृदय शरीर के अन्य अंगों के लिए जरूरी खून की सप्लाई को सुनिश्चित करता है।
  • 1958 में स्वीडन में सर्वप्रथम पहला कृत्रिम इम्प्लांटेबल पेसमेकर (implantable pacemaker) का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था।
  • दिल से लब-डब की आवाज अर्थात दिल के धड़कने की आवाज़, हृदय वाल्व के खुलने तथा बंद होने के कारण आती है।
  • नवजात शिशुओं की धड़कन 70 से 190 बीट प्रति मिनट होती है।
  • मानव हृदय के धड़कने की स्पीड 24 घंटे में 100,000 बार होती है।
  • रोग विशेषज्ञों को cardiologist कहा जाता है।
  • पहली ओपन-हार्ट सर्जरी संयुक्त राज्य अमेरिका के हृदय रोग विशेषज्ञ डेनियल हेल विलियम्स (Daniel Hale Williams) द्वारा सन् 1893 में की गई थी।
  •  इस कृत्रिम पेसमेकर को लगवाने वाले मरीज का नाम आर्ने लार्सन (Arne Larsson) था। आर्ने लार्सन (Arne Larsson) ने अपने सम्पूर्ण जीवन काल में 26 प्रकार के पेसमेकर का इस्तमाल किया।
  • सबसे छोटा दिल – सम्पूर्ण जीवित प्राणी में से सबसे छोटा दिल fairy fly नामक ततैया (wasp) के पास होता है।
  • सबसे बड़ा दिल – इस सम्पूर्ण जगत में सबसे बड़ा दिल रखने वाली एक मात्र स्तनधारी जीव व्हेल मछली है।
  • सबसे तेज़ दिल की धड़कन वाला जीव – अमेरिकन पिग्मी श्यू (pygmy shrew) एक मात्र ऐसा सबसे छोटा स्तनपायी जीव है, जिसके हृदय के धड़कने की गति 1,200 बीट्स प्रति मिनट है, जो कि सर्वाधिक है।
  • कोरोनरी धमनियां (coronary arteries) – हृदय की सतह पर पाई जाने वाली रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी धमनियां (coronary arteries) कहते हैं। कोरोनरी धमनियां हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करती हैं।
  • पेरीकार्डियम (pericardium) – पेरीकार्डियम (pericardium), हृदय को चहरों तरफ से घेरने वाली तंत्रिका ऊतक की एक झिल्ली होती है। इसे पेरिकार्डियल थैली (pericardial sac) के नाम से भी जाना जाता है। यह दो परतों (डबल लेयर) की बनी होती है, बाहरी परत को फिब्रोस पेरीकार्डियम (fibrous pericardium), और आंतरिक परत को सीरस पेरीकार्डियम (serous pericardium) कहते हैं।
  • सर्वप्रथम हेनरी ग्रे (Henry Gray’s) ने बताया कि, पुरुषों और महिलाओं में दिल का वजन क्रमशः 280 से 340 ग्राम और 230 से 280 ग्राम तक होता है।
  • पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का दिल हल्का होता है।
  • अशुद्ध रक्त हृदय के दायें अलिंद में दो शिराओं के माध्यम से प्रवेश करता है, ये शिराएँ सुपीरियर वेना कावा (superior vena cava) और इन्फीरियर वेना कावा (inferior vena cava) के नाम से जानी जाती है।

हृदय तीन प्रकार की परतों से मिलकर बना होता है:-

  1. एपिकार्डियम (epicardium) – दिल की सबसे बाहरी परत।
  2. मायोकार्डियम (myocardium) – हृदय की मध्य परत।
  3. एंडोकार्डियम (endocardium) – हृदय की आंतरिक परत।

मनुष्य के हृदय में चार वाल्व पाए जाते हैं

  1. ट्राइकस्पिड वाल्व (Tricuspid valve) – दाएं आलिंद (right atrium) और दाएं निलय (right ventricle) के बीच।
  2. पल्मोनरी वाल्व (Pulmonary valve) – दाएं निलय (right ventricle) और पल्मोनरी धमनी के बीच।
  3. महाधमनी वाल्व (Aortic valve) – बाएं निलय (left ventricle) और महाधमनी के बीच।
  4. माइट्रल वाल्व (Mitral valve) – बाएं आलिंद और बाएं निलय के बीच।

रक्त वाहिकाएं तीन प्रकार की होती हैं

  1. धमनियां (Arteries) – ऑक्सीजन युक्त रक्त को दिल से शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाने का कार्य धमनियों का होता है। अर्थात धमनी में ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त बहता है।
  2. शिराएं (Veins) – शिराएं ऑक्सीजन रहित अशुद्ध रक्त (deoxygenated blood) को हृदय तक लाने ले जाती हैं।
  3. केशिकाएं (Capillaries) – छोटी धमनियों और छोटी शिराओं को आपस में जोड़े रखने का कार्य केशिकाओं का होता है।

 

हृदय में चार कक्ष या चेंबर पाए जाते हैं:

  1. दो आलिन्द (Atria)
  2. और दो निलय (Ventricles)।

हृदय की दीवार तीन अलग-अलग परतों से मिलकर बनी होती है:

  1. मायोकार्डियम (Myocardium) – मध्य परत
  2. पेरीकार्डियम (pericardium) –  सबसे बाहरी परत
  3. एंडोकार्डियम (Endocardium) – आंतरिक परत

 

 रक्त परिसंचरण के प्रकार

  1. कोरोनरी परिसंचरण (Coronary circulation) – यह परिसंचरण का एक अनिवार्य हिस्सा है, जहां हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति की जाती है।
  2. पल्मोनरी परिसंचरण (Pulmonary circulation) –परिसंचरण का एक हिस्सा जो ऑक्सीजन रहित रक्त (अशुद्ध रक्त) को हृदय से फेफड़ों तक ले जाता है और फिर ऑक्सीजन युक्त रक्त (शुद्ध रक्त) को हृदय में वापस लाता है।
    प्रणालीगत परिसंचरण (Systemic circulation) – परिसंचरण का एक अन्य भाग जिसमें ऑक्सीजन युक्त रक्त (शुद्ध रक्त) को हृदय से शरीर के प्रत्येक अंग और ऊतक तक पंप किया जाता है, और ऑक्सीजन रहित रक्त (अशुद्ध रक्त) फिर से हृदय में वापस आ जाता है।

 

वर्तमान में प्रचलित दिल की बीमारियाँ निम्न हैं, जैसे:

  • अनस्टेबल एनजाइना पेक्टोरिस (Unstable angina pectoris)
  • आलिंद फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation)
  • एंडोकार्डिटिस (Endocarditis)
  • एरिथमिया (Arrhythmia (dysrhythmia))
  • कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर (Congestive heart failure)
  • कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest)
  • कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary embolism)
  • पेरिकार्डिटिस (Pericarditis)
  • माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स (Mitral valve prolapsed)
  • मायोकार्डिटिस (Myocarditis)
  • मायोकार्डियल इन्फार्कशन या हार्ट अटैक (Myocardial infarction or heart attack)
  • स्टेबल एनजाइना पेक्टोरिस (Stable angina pectoris)

 

दिल की बीमारियों का पता लगाने और हृदय के कार्यों की जानकारी प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार के टेस्ट उपयोग में लाये जाते हैं,

  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी) (Electrocardiogram (ECG or EKG))
  • कार्डिएक कैथीटेराइजेशन (Cardiac catheterization)
  • कार्डियक स्ट्रेस टेस्ट (Cardiac stress test)
  • होल्टर मॉनिटर (Holter monitor)

 

हृदय रोग का इलाज करने के लिए निम्न उपकरण उपयोग में लाये जाते है, जैसे-

  • पेसमेकर (Pacemaker)
  • पल्स ऑक्सीमीटर
  • एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)
  • automated external defibrillator (AED)

 

हृदय की मांसपेशियाँ, जिन्हें मायोकार्डियम कहा जाता है, हृदय की दीवार की मध्य और सबसे मोटी परत है।

 

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