पद (परिभाषा, भेद एवं उदाहरण)
पद किसे कहते हैं?
पद की परिभाषा
पद हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है अर्थात शब्द का ही दूसरा अंग पद होता है या हम यह भी कह सकते हैं जब कोई सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, उसे पद कहते हैं।
उदाहरण
- राज ने गाना गाया।
प्रस्तुत पंक्ति में राज शब्द है और एक वाक्य में परिणत होता है, यह वाक्य अब पद बन जाता है। क्योंकि यह वाक्य के नियम का पालन करता है।
पद के प्रकार
हिंदी व्याकरण में पद को पांच भागों में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- अव्यय
संज्ञा
संज्ञा की परिभाषा की बात करे तो किसी भी व्यक्ति, नाम, जाति, जगह, गुण, द्रव्य, धर्म आदि को संज्ञा कहा गया है।
संज्ञा के पांच प्रकार होते हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा: जो संज्ञा किसी विशेष वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के नाम का बोध कराए, उसे हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा: किसी शब्द से किसी प्राणी, वस्तु की समस्त जाति का बोध हो, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
भाववाचक संज्ञा: जो संज्ञा शब्द में किसी गुण, दोष, भाव या पदार्थ की अवस्था आदि चीजों का बोध कराए, भाववाचक संज्ञा कहलाती है।
समुदायवाचक संज्ञा: जब किसी संज्ञा के शब्द से व्यक्तिओं, वस्तुओं आदि की समूह का बोध हो, उसे समुदायवाचक संज्ञा कहा जाता है।
द्रव्यवाचक संज्ञा: वह संज्ञा जो पदार्थ की वस्तु जैसे द्रव्य, धातु आदि का बोध कराए, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
सर्वनाम
जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति आदि के नाम हो या संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाए, उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे हम किसी व्यक्ति का नाम न लेकर उसे आप, तुम आदि कहकर संबोधित करते हैं।
सर्वनाम को 6 भागों में बाटा गया है, जो निम्न है:
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
- निश्रय वाचक सर्वनाम
- अनिश्रयवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
विशेषण
जिन शब्दों द्वारा संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता अर्थात उनके गुण, दोष आदि का बोध हो, उसे विशेषण कहते हैं।
उदाहरण
- राज अच्छा लड़का है।
प्रस्तुत वाक्य में अच्छा उस व्यक्ति की विशेषता है।
विशेषण को पांच भागो में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
- गुणवाचक विशेषण
- परिणामवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
क्रिया
शब्दो के माध्यम से किसी कार्य को करना या उसका बोध कराना ही क्रिया कहलाता है।
उदाहरण
- राधिका गाना गा रही है।
इस वाक्य में गा रही क्रिया है।
क्रिया दो प्रकार की होती है, जो निम्न है:
- अकर्मक क्रिया
● सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया: अकर्मक क्रिया वे क्रिया होती हैं, जिनमें क्रिया का फल कर्ता में पड़ता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।
सकर्मक क्रिया: सकर्मक क्रिया वो क्रिया होती है, जिन वाक्य में क्रिया के साथ-साथ कर्म का होना भी बहुत जरूरी होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
अव्यय
अव्यय की परिभाषा के अनुसार शब्दों के रूप में लिंग वचन, कारक आदि के कारण उसमें कोई विकार उत्पन्न नहीं होता, उसे अव्यय कहते हैं।
जैसे: आना-जाना, इधर-उधर, धीरे-धीरे
अव्यय के पांच प्रकार होते हैं।
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
- निपात अव्यय