हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ
मुहावरे क्या होते हैं
मुहावरे :- ऐसा वाक्य जो वाक्य की रचना करने पर अपना एक अलग अर्थ प्रकट करता और इसका प्रयोग करने से भाषा,आकर्षक, प्रभावपूर्ण तथा रोचक बन जाती है।
जैसे:- ‘ नौ दो ग्यारह होना ‘ मुहावरा गणितीय संक्रिया को न बताकर ‘ भाग जाना ‘ अर्थ होता है|
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर
मुहावरा पूर्णतः स्वतंत्र नहीं होता है, अकेले मुहावरे से वाक्य पूरा नहीं होता है। मुहावरा छोटा होता है |
लोकोक्ति पूरे वाक्य का निर्माण करने में समर्थ होती है। लोकोक्ति बड़ी और भावपूर्ण होती है।
लोकोक्ति को ‘ कहावत’ नाम से भी जाना जाता है।
ये भी पढ़ें – विलोम या विपरीतार्थक शब्द
प्रमुख मुहावरे :-
- टोपी उछालना –अपमानित करना
- टेढ़ी खीर होना –कठिन काम
- टेढ़ी उँगली से घी निकालना –चतुराई से काम निकालना
- टाँग अड़ाना –बाधा डालना
- टका सा मुँह लेकर रह जाना –लज्जित होना
- टका सा जवाब देना –साफ-साफ मना करना
- झंडा गाड़ना –अधिकार करना
- जूतियाँ चाटना –चापलूसी करना
- जूठे हाथ से कुत्ता न मारना –अत्यधिक कंजूस होना
- जी तोड़कर काम करना –बहुत परिश्रम करना
- जी छोटा करना –हृदय के उत्साह में कमी
- जी चुराना –कार्य से स्वयं को अलग रखना
- जिल्लत उठाना –अपमानित होना
- जिन्दा मक्खी निगलना –स्पष्ट दिखता हुआ अन्याय सहन करना
- जिन्दगी के दिन पूरे करना –मृत्यु के दिन समीप होना
- जान हथेली पर रखना –मृत्यु की परवाह न करना
- जान पर खेलना –साहसी कार्य करना
- जान के लाले पड़ना –प्राण संकट में पड़ना
- जहर का यूंट पीकर रह जाना –कड़वी बात सहन करना
- जहर उगलना –कड़वी बातें कहना
- जहर उगलना –अपमानजनक बातें कहना
- जले पर नमक छिड़कना –दुखी व्यक्ति को और दुखी करना
- जलती आग में कूदना –जान-बूझकर विपत्ति में पड़ना
- जमीन आसमान का अंतर –बड़ा भारी अन्तर
- जमीन आसमान एक करना –सभी उपाय करना
- जड़ काटना –समूल नष्ट करना
- जंजाल में पड़ना –संकट में पड़ना
- छींकते नाक कटना –छोटी बात पर चिढ़ना
- छाती पर साँप लौटना –ईर्ष्या करना
- छाती पर मूंग दलना –साथ रहकर परेशान करना
- छाती पर पत्थर रखना –धैर्यपूर्वक कष्ट सहन करना
- छाती ठोकना –कठिन कार्य हेतु प्रतिज्ञा करना
- छाँह तक न छूने देना –समीप न आने देना
- छप्पर फाड़कर देना –बिना परिश्रम बहुत देना
- छप्पर पर फूस न होना –अत्यन्त गरीब होना
- छठे छमासे आना –कभी-कभी आना
- छठी का दूध याद आना –संकट में पड़ना
- छटे-छंटे फिरना –दूर-दूर रहना
- छक्के छुड़ाना –बुरी तरह हराना
- चोली दामन का साथ होना –बहुत निकटता
- चैन की बंशी बजाना –मौज करना
- चूना लगाना –नुकसान करना
- चूड़ियाँ पहनना –कायरता दिखाना
- चींटी के पर निकलना –मृत्यु के दिन समीप आना
- चिराग तले अंधेरा होना –अपने दोष न देख पाना
- चित्त उचटना –मन न लगना
- चिकना देख फिसल पड़ना –किसी के रूप या धन पर लुभा जाना
- चिकना घड़ा होना –कुछ भी असर न होना, बेशर्म होना
- चारों खाने चित्त होना –बुरी तरह हारना
- चार दिन की चाँदनी होना –अल्पकालीन सुख
- चार चाँद लगना –शोभा में वृद्धि होना
- चादर से बाहर पैर पसारना –आय से ज्यादा खर्च करना
- चाँदी का जूता मारना –घूस (रिश्वत) देना
- चल बसना –मृत्यु होना
- चक्की पीसना –जेल की सजा भुगतना
- चंगुल में फँसना –पकड़ में आना
- घोड़े बेचकर सोना –निश्चंत होकर सोना
- घुटने टेकना –हार मानना
- घी के दीये जलना –खुशियाँ मनाना
- घास काटना –बिना गुणवत्ता कार्य करना
- घाव हरा होना –भूला दुख दर्द याद आना
- घाट-घाट का पानी पीना –स्थान-स्थान का अनुभव होना
- घर बसाना –विवाह कराना
- घर फूंककर तमाशा देखना –अपना नुकसान होने पर भी मौज करना
- घड़ों पानी पड़ना –लज्जित होना
- गूदड़ी का लाल होना –गरीबी में भी गुणवान होना
- गुड़ गोबर करना –बना कार्य बिगाड़ देना
- गिरगिट की तरह रंग बदलना –अवसरवादी होना
- गाल बजाना –बढ़-चढ़कर बातें करना
- गाल फुलाना –गुस्सा होना
- गाजर मूली समझना –तुच्छ समझना, मामूली मानना
- गागर में सागर भरना –थोड़े शब्दों में बहुत कुछ कह देना
- गाँठ बाँधना –स्थायी रूप से याद रखना
- गाँठ पड़ना –द्वेष का स्थायी होना
- गले मढ़ना –जबरन कार्य सौंपना
- गड़े-मुर्दे उखाड़ना –पुरानी बातें करना
- गंगा नहाना –दायित्व से मुक्ति मिलना
- गंगा नहाना –किसी कठिन कार्य को पूर्ण करना
- ख्याली पुलाव पकाना –कोरी (व्यर्थ) कल्पनाएँ करना
- खेत रहना –युद्ध में मारे जाना
- खून-पसीना एक करना –कठोर परिश्रम करना
- खून सूखना –भयभीत होना
- खून खौलना –अत्यधिक क्रोध आना
- खून का चूंट पीकर रह जाना –चुपचाप गुस्सा सहन कर लेना
- खिचड़ी पकाना –गुप्त योजना बनाना
- खाल खींचना –बहुत मारना
- खाट पकड़ लेना –बहुत बीमार पड़ जाना
- खाक में मिलना –नष्ट होना
- खाक छानना –मारे-मारे फिरना निरुद्देश्य भटकना
- खरी-खोटी कहना –भला-बुरा कहना
- खरी-खरी सुनाना –साफ-साफ कहना
- खटाई में पड़ना –कार्य में व्यवधान आना
- क्रोध काफूर होना –गुस्सा गायब होना
- कौड़ी के मोल बेचना –अत्यन्त सस्ता होना
- कोल्हू का बैल होना –निरंतर काम में जुटे रहना
- कोढ़ में खाज होना –दु: ख में और दु: ख आना
- कूच करना –चले जाना
- कुँए में भांग पड़ना –सबकी मति भ्रष्ट होना
- कीचड़ उछालना –अपमानित/ बेइज्जत करना
- किला फतेह करना –किसी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करना
- किताबी कीड़ा होना –हर समय पढ़ने में लगे रहना
- काल कवलित होना –मर जाना
- काम निकालना –अपना मतलब पूरा करना
- कान–खड़े होना –चौकन्ना होना
- कानपकड़ना – गलती स्वीकार करना
- कान में तेल डालकर बैठना –सुनकर भी अनसुना करना
- कान भरना –चुगली करना
- कान भर जाना –सुनते सुनते पक जाना
- कान पर जूं तक न रेंगना –कोई असर न पड़ना
- कान खोलना –सावधान करना
- कान का कच्चा होना –जल्दी किसी के बहकावे में आना
- कान कतरना –चतुराई दिखाना
- काठ का उल्लू होना –महामूर्ख होना, वज्र मूर्ख
- कागजी घोड़े दौड़ाना–केवल कागजी कार्रवाई करना
- कलेजे का टुकड़ा होना –बहुत प्रिय
- कलेजा मुँह को आना –घबरा जाना
- कलेजा ठंडा होना –मन को शांति मिलना
- कमर कसना –तैयार होना
- कमर कसना –तैयार होन
- कमर कसना –किसी कार्य के लिए तैयार होना
- कब्र में पाँव लटकना –मृत्यु के निकट होना
- कफन की कौड़ी न होना –दरिद्र होना
- कन्नी काटना –आँख बचाकर निकलना
- कतर ब्योंत करना –काट-छाँट करना
- कच्चा चिट्ठा खोलना –रहस्य बताना
- कंधे से कंधा मिलाना –साथ देना
- औने-पौने करना –कम लाभ या कम कीमत में बेच देना
- ओखली में सिर देना –जान-बूझकर विपत्ति मोल लेना
- एड़ी चोटी का जोर लगाना –बहुत प्रयास करना
- एकै साधे सब सधै, सब साधे जब जाय :-एक समय में एक ही कार्य करना फलदायी
- एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना :-समान दुर्गुण वाले एकाधिक व्यक्ति।
- एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होना –समान प्रवृत्ति के होना
- एक हाथ से ताली नहीं बजती :-केवल एक पक्षीय सक्रियता से काम नहीं होता।
- एक लाठी से हाँकना –सबके साथ एक-सा व्यवहार करना
- एक म्याँन में दो तलवारें नहीं समा सकती :-दो समान अधिकार वाले व्यक्ति एक साथ कार्य नहीं कर सकते।
- एक पंथ दो काज :-एक कार्य से दोहरा लाभ।
- एक तो चोरी दूसरे सीना-जोरी :-अपराध करके रौब जमाना।
- एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा :-एकाधिक दोष होना
- एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा करती है :-एक व्यक्ति की बुराई से पूरे परिवार समूह की बदनामी होना।
- एक और एक ग्यारह होना –संगठन में शक्ति होना
- एक आँख से देखना –समदृष्टि या समभाव होना
- एक अनार सौ बीमार :-वस्तु अल्प चाह अधिक लोगों की।
- ऋण मढ़कर जाना –अपना कर्ज किसी अन्य पर डालना
- ऋण उतारना –कर्ज अदा करना
- ऊधो की पगड़ी, माधो का सिर :-किसी एक का दोष दूसरे पर मढ़ना।
- ऊधो का लेना न माधो का देना :-किसी से कोई लेना-देना न होना।
- ऊँट के मुँह में जीरा :-आवश्यकता अधिक आपूर्ति कम।
- ऊँट किस करवट बैठता है :-परिणाम किसके पक्ष में होता है/ अनिश्चित परिणाम।
- ऊँची दुकान फीका पकवान :-मात्र दिखावा।
- उल्लू बनाना –मूर्ख बनाना
- उल्टे बाँस बरेली को :-विपरीत कार्य करना।
- उल्टी माला फेरना –अहित सोचना
- उल्टी पट्टी पढ़ाना –गलत शिक्षा देना
- उल्टी गंगा बहाना –रीति विरुद्ध कार्य करना
- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे :-दोषी व्यक्ति द्वारा निर्दोष पर दोषारोपण करना।
- उन्नीस बीस का फर्क होना –मामूली अन्तर
- उधार का खाना फूस का तापना :-बिना परिश्रम दूसरों के सहारे जीने का निरर्थक प्रयास करना।
- उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई :-एक बार इज्जत जाने पर व्यक्ति निर्लज हो जाता है।
- उड़ती चिड़िया पहचानना –थोड़े इशारे में ही सब कुछ समझ लेना
- उड़ता तीर झेलना –अनावश्यक विपत्ति मोल लेना
- उगल देना –सारा भेद प्रकट कर देना
- उंगली पर नचाना –किसी अन्य के इशारे पर चलना
- उंगली उठाना –निन्दा करना या आरोप लगाना
- उँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना :-थोड़ी सी मदद पाकर अधिकार जमाने की कोशिश करना।
- ईद का चाँद होना –बहुत दिनों बाद दिखना
- ईट से ईंट बजाना –कड़ा मुकाबला करना
- ईट का जवाब पत्थर से देना –करारा जवाब देना
- इशारों पर नचाना –किसी को अपनी इच्छानुसार चलाना
- इन तिलों में तेल नहीं :-कुछ मिलने या मदद की उम्मीद न होना।
- इधर-उधर की हाँकना –व्यर्थ की बातें करना
- इधर कुआँ उधर खाई :-सब ओर संकट।
- इतिश्री होना –अंत या समाप्त होना
- आस्तीन का साँप होना –कपटी मित्र
- आसमान से गिरा, खजूर में अटका :-काम पूरा होते-होते व्यवधान आ जाना।
- आसमान सिर पर उठाना –अत्यधिक शोर करना
- आम के आम गुठलियों के दाम :-दुगुना लाभ।
- आपे से बाहर होना –वश में न रह पाना
- आप भले तो जग भला :-स्वयं भले होने पर आपको भले लोग ही मिलते हैं।
- आधी छोड़ पूरे ध्यावे, आधी मिले न पूरे पावै :-अधिक के लोभ में उपलब्ध वस्तु या लाभ को भी खो बैठना।
- आड़े आना –बाधक बनना
- आठ-आठ आँसू रोना –बुरी तरह रोना या पछताना
- आठ वार नौ त्योहार :-मौजमस्ती से जीवन बिताना।
- आठ कनौजिये नौ चूल्हे :-अलगाव या फूट होना।
- आटे-दाल का भाव मालूम होना –जीवन के यथार्थ को जानना
- आगे नाथ न पीछे पगहा :-पूर्णतः बंधन रहित/ बेसहारा।
- आगे कुआँ पीछे खाई :-सब ओर कष्ट ही कष्ट होना।
- आग लगने पर कुआ खोदना –मुसीबत के समय उपाय खोजना
- आग में घी डालना –क्रोध को बढ़ाने का कार्य करना
- आग बबूला होना –अत्यधिक क्रोध करना
- आकाश टूटना –अचानक बड़ी विपत्ति आना
- आकाश के तारे तोड़ना –असंभव कार्य को अंजाम देना
- आए थे हरिभजन को, ओटन लगे कपास :-बड़े उद्देश्य को लेकर कार्य प्रारम्भ करना किन्तु छोटे कार्य में लग जाना।
- आईने में मुँह देखना –अपनी योग्यता की जाँच कर लेना
- आँसू पोंछना –धीरज व ढाढस बँधाना
- आँधी के आम होना –सस्ती चीजें
- आँचल पसारना –प्रार्थना करना
- आँच न आने देना –जरा भी कष्ट न आने देना
- आँच न आने देना –जरा भी कष्ट न आने देना
- आँखों में धूल झोंकना –धोखा देना
- आँखों में खून उतरना –अत्यधिक क्रोध करना
- आँखों पर परदा पड़ना –भले-बुरे की परख न होना
- आँखों का तारा –अत्यन्त प्यारा
- आँखें–चुराना-नजर बचाना
- आँखें–चार होना –आमना-सामना होना
- आँखें बिछाना –प्रेमपूर्वक स्वागत करना
- आँखें खुलना –सजग या सावधान होना
- आँख बची और माल यारों का :-ध्यान हटते ही चोरी हो सकती है।
- आँख का अंधा, गाँठ का पूरा :-बुद्धिहीन किन्तु सम्पन्न।
- आ बैल मुझे मार :-जान-बूझकर विपत्ति मोल लेना।
- अरहर की टट्टी गुजराती ताला :-बेमेल प्रबंध, सामान्य चीजोंकी सुरक्षा में अत्यधिक खर्च करना।
- अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत :-हानि हो जाने के बाद पछताना व्यर्थ है।
- अपने मुँह मियाँ मिठू बनना –अपनी प्रशंसा स्वयं करना
- अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना –अपना नुकसान स्वयं करना
- अपने तक रखना –किसी दूसरे से न कहना
- अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग :-तालमेल न होना।
- अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग-सिर्फ़ अपने मन की करना या दूसरों के साथ तालमेल नहीं बैठाना.
- अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है-अपने घर या क्षेत्र में ताक़त दिखाना.
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना –साथ मिलकर न रहना, अलग रहना
- अपनी करनी पार उतरनी :-मनुष्य को स्वयं के कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है।
- अपना हाथ जगन्नाथ :-अपना कार्य स्वयं करना ही उपयुक्त रहता है।
- अपना सा मुँह लेकर रह जाना –किसी अकृत कार्य के कारण लज्जित हो।
- अपना रख पराया चख :-स्वयं के पास होने पर भी किसी अन्य की वस्तु का उपभोग करना।
- अपना उल्लू सीधा करना –अपना स्वार्थ सिद्ध करना
- अधजल गगरी छलकत जाय :-अल्पज्ञ अपने ज्ञान पर अधिक इतराता है।
- अड़ियल टटू होना –जिद्दी होना
- अटका बनिया देव उधार :-मजबूर व्यक्ति अनचाहा कार्य भी करता है।
- अगर-मगर करना– बहाने बनाना
- अक्ल बड़ी या भैंस :-शारीरिक बल की अपेक्षा बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है।
- अक्ल के पीछे लट्ठ लिए घूमना –बुद्धि विरुद्ध कार्य करना
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना –केवल कल्पनाएँ करना।
- अक्ल का दुश्मन होना –मूर्ख होना
- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता :-अकेला आदमी बड़ा काम नहीं कर सकता
- अंधों में काना राजा :-मूर्खो के बीच अल्पज्ञ भी बुद्धिमान माना जाता है।
- अंधेर नगरी चौपट राजा –भ्रष्टाचार में लिप्त शासन एवं अजागरूक प्रजा.
- अंधेर नगरी चौपट राजा :-अयोग्य प्रशासन
- अंधेर खाता होना –सही हिसाब न होना
- अंधे के हाथ बटेर लगना-परिश्रम के बिना ही सफलता मिलना.
- अंधे के हाथ बटेर लगना :-बिना परिश्रम के अयोग्य व्यक्ति को सुफल की प्राप्ति
- अंधे के आगे रोना, अपना दीदा खोना :-सहानुभूतिहीन या मूर्ख व्यक्ति के सामने अपना दुखड़ा रोना व्यर्थ है।
- अंधे की लाठी होना –एकमात्र सहारा
- अंधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपने को देय :-अधिकार मिलने पर स्वार्थी व्यक्ति अपने लोगों की ही मदद करता है।
- अंधा बनना –जानते हुए भी ध्यान न देना
- अंधा क्या चाहे दो आँखें:- बिना प्रयास इच्छित फल की प्राप्ति।
- अंडे सेवे कोई, बच्चे लेवे कोई :-परिश्रम कोई करे फल किसी अन्य को मिले
- अंगारे उगलना –क्रोध में कटु वचन कहना
- अंग-अंग ढीला होना –बहुत थक जाना
- अंक भरना –स्नेहपूर्वक गले मिलना
ये भी पढ़ें – विलोम या विपरीतार्थक शब्द