क्या आप कैंसर के बारे में ये चौंकाने वाले तथ्य जानते हैं
यूनाइटेड नेशन के मुताबिक दुनियाभर में हर साल तम्बाकु की वजह से 50 लाख लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं।
ऐसा माना जा रहा है 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या एक करोड़ से भी अधिक हो सकती है।
कैंसर की बीमारी आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल, अनुवांशिक बीमारी के तौर पर फैलता है। अगर माता-पिता में किसी को भी कैंसर है तो ये संभावना बढ़ जाती है कि बच्चों में भी कैंसर हो।
कैंसर से बचने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल के साथ ही हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी है। अगर आपको शरीर में गांठ या उभार दिखाई दे तो इसे हल्के में न लें। बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इलाज कराएं।
कैंसर का तुरंत इलाज इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकता है।
आपने कैंसर के बारे में बहुत सी खबर पढ़ी होंगी, लेकिन आपने कैंसर से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स के बारे में शायद न पढ़ा हो। कैंसर के बारे में एक तथ्य यह भी है कि लंबी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार ज्यादा होती हैं एक शोध से पता चला है कि जिन महिलाओं की हाइट 5’3″ से ज्यादा होती है, उनमें स्तन कैंसर की संभावना होने की 10 से 20 प्रतिशत संभावना बढ़ जाती है।
कैंसर के बारे में एक तथ्य यह भी है कि इंसानों के साथ-साथ कुत्तों में भी कैंसर होता है।
दस साल से ज्यादा की उम्र पार कर जाने वाले 50 प्रतिशत कुत्ते कैंसर की वजह से मरते हैं।
हॉलैंड के कुछ वैज्ञानिकों के द्वारा की गई रिसर्च की मानें तो ज्यादा हाइट वाली महिलाओं का शारीरिक विकास कम उम्र में ही तेजी से होता है।इसकी वजह से उनमें हॉर्मोन्स में बदलाव भी तेजी से होता है।
कैंसर के बारे में भारत से जुड़े फैक्ट्स
भारत में हर साल पांच लाख लोग कैंसर से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं।
भारतीय महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (cervix) के कैंसर से होने वाली मृत्युदर किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, भारत में हर साल कैंसर से जुड़े 1.4 करोड़ मामले सामने आ रहे हैं और इस रफ्तार से साल 2030 तक कैंसर ग्रस्त लोगों की संख्या में 25 फीसदी इजाफा हो सकता है। यानी अगले साल तक एक लाख 70 हजार लोग कैंसर की बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं।
कैंसर की बीमारी का पता अक्सर लोगों को नहीं चल पाता है। जब बीमारी बढ़ जाती है तभी लोगों कैंसर की बीमारी पता चलती है।
मुंह (oral cancer) का कैंसर और फेफड़े का कैंसर भारतीय पुरुषों में सबसे ज्यादा पाया जाता है। जबकि महिलाओं में वजायनल और ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।
भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) यानी ग्रीवा कैंसर के लगभग 1,22,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसमें लगभग 67,500 महिलाएं होती हैं। कर्क रोग से संबंधित कुल मृत्यु का 11.1 प्रतिशत कारण सर्वाइकल कैंसर ही है।
पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) के अनुसार, भारत में एक साल में लगभग 1,44,000 नए कैंसर के रोगी सामने आए हैं।
कुत्तों में कैंसर के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। 2006-07 में आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) में कुत्तों के कैंसर के 94 मामले सामने आए थे। 2016-17 में यह संख्या बढ़कर 209 हो गई।
मशहूर हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली के ब्रेस्ट कैंसर की घोषणा के बाद अमेरिका की महिलाओं ने दुगनी संख्या में कैंसर टेस्ट कराया था।
कैंसर के बारे में सबसे हैरान कर देने वाला तथ्य यह है कि पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट और ज्यादा समय तक हवाई सफर में रहने वाले लोगों में स्किन कैंसर होने की संभावना दुगनी होती है। इसकी एक वजह कॉस्मिक आयोनाइजिंग रेडिएशन है।
एड्स (AIDS), टीबी (tuberculosis) और मलेरिया (malaria) तीनों बिमारियों को मिलाकर जितनी मौतें होती हैं उससे भी ज्यादा मृत्यु सिर्फ कैंसर की वजह से होती है।
कैंसर के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जुटाए गए आंकड़े कहते हैं कि दुनिया भर के पुरुषों में फेफड़े, श्वसन मार्ग (Respiratory tract), कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर (liver cancer) के नए मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
दुनिया भर में 28 मिलियन (यानी 2.8 करोड़) लोग कैंसर के साथ जी रहे हैं।
आपको कैंसर के बारे में यह फैक्ट जानकर हैरानी होगी कि ऑफिस या घर के अंदर ज्यादा रहने की वजह से स्किन कैंसर (skin cancer) पीड़ितों की संख्या लंग कैंसर (lung cancer) के मरीजों की संख्या से कहीं ज्यादा है।
कैंसर को भी जानें
कर्क रोग में शरीर की कुछ असामान्य कोशिकाएं अनियन्त्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। किसी कोशिका का अचानक तेजी से अनियंत्रित तौर पर बढ़ना और एक ट्यूमर में रूप में बन जाना ही कैंसर है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर के रूप में होते हैं|
लेकिन, ब्लड कैंसर ट्यूमर के रूप में नहीं होता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
अंडाशय, फेफड़ों और कोलन कैंसर (colon cancer) के मामले में अक्सर लक्षण तब दिखाई देते हैं, जब यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है। ऐसे में कैंसर के निदान के लिए समय पर नियमित रूप से स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
आंख का कैंसर जब होता है तो व्यक्ति को कुछ खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसे में सावधानी ही उचित उपाय है।
कैंसर के बारे में जुड़े हुए ये कुछ फैक्ट्स आपको बेहद हैरान कर देने वाले लगे होंगे। दुख की बात तो यह है कि तमाम कोशिशों के बाद भी कैंसर के मरीजों की संख्या दुनिया में बढ़ ही रही है।
इसी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हर साल चार फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाने का निर्णय लिया ताकि लोगों को कैंसर के नुकसान, इलाज और लक्षण के बारे में बताया जा सकें और लोगों को इस बीमारी के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें
एड्स (AIDS), टीबी (tuberculosis) और मलेरिया (malaria) तीनों बिमारियों को मिलाकर जितनी मौतें होती हैं उससे भी ज्यादा मृत्यु सिर्फ कैंसर की वजह से होती है।
कैंसर के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जुटाए गए आंकड़े कहते हैं कि दुनिया भर के पुरुषों में फेफड़े, श्वसन मार्ग (Respiratory tract), कोलोरेक्टल, पेट औरयकृत कैंसर (liver cancer) के नए मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
दुनिया भर में 28 मिलियन (यानी 2.8 करोड़) लोग कैंसर के साथ जी रहे हैं।
आपको कैंसर के बारे में यह फैक्ट जानकर हैरानी होगी कि ऑफिस या घर के अंदर ज्यादा रहने की वजह से स्किन कैंसर (skin cancer) पीड़ितों की संख्या लंग कैंसर (lung cancer) के मरीजों की संख्या से कहीं ज्यादा है।
कैंसर को भी जानें
कर्क रोग में शरीर की कुछ असामान्य कोशिकाएं अनियन्त्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। किसी कोशिका का अचानक तेजी से अनियंत्रित तौर पर बढ़ना और एक ट्यूमर में रूप में बन जाना ही कैंसर है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर के रूप में होते हैं|
लेकिन,ब्लड कैंसर ट्यूमर के रूप में नहीं होता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
अंडाशय, फेफड़ों और कोलन कैंसर (colon cancer) के मामले में अक्सर लक्षण तब दिखाई देते हैं, जब यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका होता है। ऐसे में कैंसर के निदान के लिए समय पर नियमित रूप से स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
आंख का कैंसर जब होता है तो व्यक्ति को कुछ खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसे में सावधानी ही उचित उपाय है।
कैंसर के बारे में जुड़े हुए ये कुछ फैक्ट्स आपको बेहद हैरान कर देने वाले लगे होंगे। दुख की बात तो यह है कि तमाम कोशिशों के बाद भी कैंसर के मरीजों की संख्या दुनिया में बढ़ ही रही है।
इसी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हर साल चार फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाने का निर्णय लिया ताकि लोगों को कैंसर के नुकसान, इलाज और लक्षण के बारे में बताया जा सकें और लोगों को इस बीमारी के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें।